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प्रेरणादायक कहानियां

सेठ जल्दी से उसके पास पहुंच कर बोला – ” मुझे क्षमा कर दो ! भाई घोड़े को अगर तुम ले लोगे तो मेरा बहुत नुकसान होगा | इसलिए तुम कुछ रुपए मुझ से लेकर सुलह कर लो |”

झोपड़ी वाले को भला इसमें क्या परेशानी थी | उसने कुछ रुपए लेकर सुला कर ली |

बुड्ढे के लड़के झोपड़ी वाले से गिड़गिड़ाते हुए बोले – ” भैया ! पहाड़ी से गिरकर तो हमारा दम ही निकल जाएगा | तुम हमसे भी रुपए लेकर इस झगड़े से हमारी जान छुड़ाओ |

उसने उस लड़को से भी काफी धन ले लिया, और न्यायधीश का शुक्रिया अदा करने पहुंचा |

” अरे शुक्रिया कैसा, यह तो तुम्हारे अंगोछे में बंधे कीमती रतन का कमाल है |” न्यायधीश कुटिलता से मुस्कुरा कर बोला | “ओ है ! तो यह बात है, तब तो आप चूक गए | यह न्याय करने वाला अनमोल रतन न होकर कांच का टुकड़ा है |” यह कहकर अंगोछे मैं बंधे कांच के टुकड़े को उसने न्यायधीश के आगे रखा और वहां से चल दिया.

” बेवकूफ तथा लालची न्यायधीश उसे जाता हुआ देखता रहा |”

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